Wednesday, September 12, 2007

दास्ताँ ऐ दर्दे दांत !

एक दिन हुआ हमारे दांत मे दर्द ,
और दिन भी थे बड़े सर्द !

न रात का सोना न दिन का चैन,
दर्द से थे हम बड़े बेचैन !

दादी के नुस्खे हमने भी अपनाए ,
कहा ,चलो कुछ आराम तो आए !

कुछ दिन तो मिला बड़ा आराम ,
हमने भी कहा "चलने दो यु ही काम "!

फ़िर एक रात दर्द ने हमे जगाया ,
फ़िर हमने दादी का नुस्खा आजमाया !

दर्द के आगे थे नुस्खा बेजान,
दर्द से निकली थी हमारी जान !

अगले दिन पहुंचे हम डॉक्टर के पास ,
कहा "क्या दांत के बचने कि कोई आस" !

"आस " डॉक्टर बोला ,
तुरन्त उसने मुह हमारा खोला !

दांत तो निकालना पड़ेगा ,
नही तोह साथ वाला भी सडेगा ! "

अरे निकल दो " हमने कहा ,
"जान है तो है जहाँ " !

डॉक्टर बोला " हो जाओ हॉस्पिटल मई भर्ती ",
हम बोले "अरे दांत निकाल रहे हो या मेरी अर्थी " !

बोला डॉक्टर "बड़ा गम्भीर है आपका केस " ,
"जल्दी भर्ती हो जाओ ,कर दो दो हजार रुपए पेश " !

हम बोले "क्या दो हजार नही है बहुत ज्यादा ",
डॉक्टर बोला "अरे नही ,यह तो है अभी इलाज का आधा "!

यह सुनकर सिर हमारा चकराया,
थोड़ी ही देर मई अपने को घर पाया !

घर पहुँचते ही जागा दर्द का एहसास ,
काश कोई दवा होती हमारे पास !

इतने मई आया वैद का ख़्याल,
वे तोह लेगा थोड़ा ही माल !

तुरंत पहुंचे हम विअद के पास,
सस्ते मई निपट जाए ,लेकर यह आस !

वैद बोला "बेटा अगर मुह ठीक से धोते",
तो दांत यु सडे न होते !

उन्होंने दवा हुम्हे थमाई ,
बोले "इनसे करना दांतों की सफ़ाई " !

थाम कर बोतल हम जोश मई बोले
"कितने हुए आप भी बोले " !

सुनते ही वैद ने दिखाई चतुराई ,
बोले "पाँच सो रुपए दवा ,पाँच सो रुपए दिखाई " !

सुनते ही निकला हमारा सारा जोश ,
"अरे क्या बोल रहे हो ,क्या है तुम्हे कोई होश " !

वैद बोला " सस्ते मई किया मैंने आपका इलाज"
"मुझसे सस्ता कोई नही है आज " !

हमने सोचा चलो पैसे दे देते है आज
,आगे से कही और से कराएँगे इलाज !

सोच सोच कर मन था हमारा घबराया,
उस वैद ने हुम्हे अच्छा चुना लगाया !

घर पहुँचते ही दांत हमारा डोला,
और टूट गया ,जैसे ही हमने मुह खोला!

टूटा दांत देखकर लगा हुम्हे बिजली का झटका ,
कहा "अरे तुने ही दिया हुम्हे हजार रुपए का फटका"!

चलो दर्द तो था बिल्कुल कम ,
पर दांत जाने का था सारा गम !

अरे यह डॉक्टर क्या जाने पीड़ परायी,
इनसे बच के रहना ,कहता हूँ मेरे भाई !

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