Friday, November 4, 2016

                           
                            वो किस्से 


जिस भीड़ से कभी डरता था ,

आज उसी भीड़ का हिस्सा हूँ ,

मैं अपनी ही कहानी का एक किस्सा हूँ !



पीछे छूट गए जो दोस्त ,

वो आज भी याद है ,

यह वक़्त लौट जाए , बस यही फ़रियाद है !



तब जेबें खाली थी और दिल भरे थे ,

आज जेबें भरी और दिल खाली है ,

वो चांदनी रातें ,आज काली है !



लौट जाओं ,उन वादियो मैं ,

जहां दोस्ती और रिश्तो की ताज़गी रहती थी ,

जहां ख़ुशी और ज़िन्दगी की लहर बहती थी !



वो पल जाने कहा खो गए ,

आज भी ढूंढता उन हिस्सो को ,

युह ही लिख के जी लेता हूँ उन किस्सो को !


Wednesday, August 28, 2013

हो रहा भारत निर्माण

हर जगह देश का हो रहा अपमान,
रुपैया गिर रहा, मर रहा भारतीय इंसान,
पर हो रहा भारत निर्माण !

जवानों का बेकार जा रहा बलिदान,
धरती पे लूट रहा बहू बेटी का सम्मान,
पर हो रहा भारत निर्माण !

भूखे नेता भ्रष्ट मंत्री जिन का चोरी है ईमान,
बाबा और मैडम का कर रहे गुणगान,
पर हो रहा भारत निर्माण !

मूक बैठा प्रधानमंत्री बंद कर अपने कान,
हर लिये है जिसने देश के प्राण,
पर हो रहा भारत निर्माण !

कोई नहीं मिटा  सकता भारत का मान,
भारत की प्रजा में आज भी है शान,
बंद करो ऐसा भारत निर्माण, बंद करो ऐसा भारत निर्माण !

Wednesday, September 12, 2007

दास्ताँ ऐ दर्दे दांत !

एक दिन हुआ हमारे दांत मे दर्द ,
और दिन भी थे बड़े सर्द !

न रात का सोना न दिन का चैन,
दर्द से थे हम बड़े बेचैन !

दादी के नुस्खे हमने भी अपनाए ,
कहा ,चलो कुछ आराम तो आए !

कुछ दिन तो मिला बड़ा आराम ,
हमने भी कहा "चलने दो यु ही काम "!

फ़िर एक रात दर्द ने हमे जगाया ,
फ़िर हमने दादी का नुस्खा आजमाया !

दर्द के आगे थे नुस्खा बेजान,
दर्द से निकली थी हमारी जान !

अगले दिन पहुंचे हम डॉक्टर के पास ,
कहा "क्या दांत के बचने कि कोई आस" !

"आस " डॉक्टर बोला ,
तुरन्त उसने मुह हमारा खोला !

दांत तो निकालना पड़ेगा ,
नही तोह साथ वाला भी सडेगा ! "

अरे निकल दो " हमने कहा ,
"जान है तो है जहाँ " !

डॉक्टर बोला " हो जाओ हॉस्पिटल मई भर्ती ",
हम बोले "अरे दांत निकाल रहे हो या मेरी अर्थी " !

बोला डॉक्टर "बड़ा गम्भीर है आपका केस " ,
"जल्दी भर्ती हो जाओ ,कर दो दो हजार रुपए पेश " !

हम बोले "क्या दो हजार नही है बहुत ज्यादा ",
डॉक्टर बोला "अरे नही ,यह तो है अभी इलाज का आधा "!

यह सुनकर सिर हमारा चकराया,
थोड़ी ही देर मई अपने को घर पाया !

घर पहुँचते ही जागा दर्द का एहसास ,
काश कोई दवा होती हमारे पास !

इतने मई आया वैद का ख़्याल,
वे तोह लेगा थोड़ा ही माल !

तुरंत पहुंचे हम विअद के पास,
सस्ते मई निपट जाए ,लेकर यह आस !

वैद बोला "बेटा अगर मुह ठीक से धोते",
तो दांत यु सडे न होते !

उन्होंने दवा हुम्हे थमाई ,
बोले "इनसे करना दांतों की सफ़ाई " !

थाम कर बोतल हम जोश मई बोले
"कितने हुए आप भी बोले " !

सुनते ही वैद ने दिखाई चतुराई ,
बोले "पाँच सो रुपए दवा ,पाँच सो रुपए दिखाई " !

सुनते ही निकला हमारा सारा जोश ,
"अरे क्या बोल रहे हो ,क्या है तुम्हे कोई होश " !

वैद बोला " सस्ते मई किया मैंने आपका इलाज"
"मुझसे सस्ता कोई नही है आज " !

हमने सोचा चलो पैसे दे देते है आज
,आगे से कही और से कराएँगे इलाज !

सोच सोच कर मन था हमारा घबराया,
उस वैद ने हुम्हे अच्छा चुना लगाया !

घर पहुँचते ही दांत हमारा डोला,
और टूट गया ,जैसे ही हमने मुह खोला!

टूटा दांत देखकर लगा हुम्हे बिजली का झटका ,
कहा "अरे तुने ही दिया हुम्हे हजार रुपए का फटका"!

चलो दर्द तो था बिल्कुल कम ,
पर दांत जाने का था सारा गम !

अरे यह डॉक्टर क्या जाने पीड़ परायी,
इनसे बच के रहना ,कहता हूँ मेरे भाई !

तेरी यादें !

ख़्वाब सा सजाये रखा था तुझे ,
तेरी यादें आती है तो ,
आज भी रुलाती है मुझे!

पलकों को सिसकने की आहट आती है ,
उन्हें पता है क्या करना है ,
पल मई भर आती है!

तू चाहे याद करे या न करे ,
एक तू ही है ,
जिसकी याद मॆं यह दिल आहे भरे!

मंज़िल से पहले यु बिछड़ जायेंगे,
यह कभी सोचा न था ,
की तुम्हे नज़रों से दूर पाएंगे!

तेरे दूर जाने का गम इतना है भारी ,
तू चाहे या न चाहे ,
मेरी कोशिश आज भी है जारी !

क्या एही प्यार है !

एक लड़की पर हमारा दिल आया,
सोचा एही होगी हमारा हमसाया!

उसने बोला " मेरा कोई बॉय फ्रेंड नही,
तुम आए हो तो तुम ही सही" !

सोच सोच कर मन पागल हुआ,
पहली गर्ल फ्रेंड का आगमन हुआ !

बोली " क्या बयिक है तुम्हारे पास ",
हमने कहा "नौकरी से पहले इसकी नही हा आस" !

उसने कहा "चलो किसी फाइव स्टार होटल चलते है ,
हम तो वही का खाना खाकर पलते है " !

हमने अपनी जेब पर हाथ घुमाया ,
पैसो की दुर्गति देखकर मन मेरा घबराया !

उसने पूछा "इतनी दुखी क्यों है तुम्हारी वौइस् है "
हमने कहा "क्या इसके इलावा कोई चोइस है "!

यह सुनकर वे थोड़ा मुस्करायी ,
बोली "राखी पर मिलेंगे ,अभी चलती हूँ भाई "

Saturday, March 10, 2007

I Am Happy !!!!

I knew I had to go the other way,
But when I saw you on my path ,
I had a different say.

You were going ahead ,
I don’t know with whom,
Both of you were leaving a tread.

Mindlessly I followed both of you,
After some time ,
Both of you disappeared from my view.

Like always I was left alone,
The path engulfed my dream,
I was still figuring where had you gone.

I turned around,
Everything laughed at me,
From the trees, grass to the barren land.

I was deserted , was devastated,
You left me in the dark,
A long time I had waited.

Wherever you had gone,
I am still not angry,
I am not lone.

To see u happy you is my only desire,
What if you are not with me,
My heart still burns with the same fire.

Lead Thy Light!!!!!!

Walking meaningless down the life,
Yes that what I was doing,
As I took each and every stride.

Fear, anger, frustration,
That was all I had,
Had lost hopes of seeing happiness, joy or elation.

People had succumbed to thee,
I couldn’t take it,
From its gruesome clutches, I wanted to be free.

I called my heart, called my mind,
And asked them to help me,
And put an end to this grind.

“Don’t jitter, my boy” said my heart,
Just do your deed,
And just follow the right path.

Sorrows, pain, failures may push you back,
But courage, determination, honesty,
They’ll be always part of your stack.



It’s easy to tread the wrong path,
But for the right one,
You have to face the fury and wrath.

The right will always put you right,
Maybe the joy will elude you for some time,
But one day you’ll se the light.

Suddenly all darkness had gone,
I felt a streak of joy,
Joy to bring good to this world alone.

One day I’ll be victorious in my fight,
God will always be there,
Leading me from darkness to light.